सिविल सर्विसेज परीक्षा में कहां मार खा जाते हैं हिंदी मीडियम वाले?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा का रिजल्ट इस बार भी हिंदी मीडियम वालों के लिए निराशाजनक रहा. हैरानी की बात ये है कि इस बार मेरिट लिस्ट में हिंदी माध्यम से सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले की रैंकिंग *339* है. ये रैकिंग पिछले कई साल की तुलना में सबसे खराब है.इनके पिछड़ने के कारणों पर चर्चा से पहले कुछ आड़ों पर गौर करते हैं.
*2013*
यूपीएससी ने सिलेबस बदला. इस साल यूपीएससी में हिंदी मीडियम से करीब 25 ही कैंडिडेट चुने गए थे. इनमें से सिर्फ 1 ही आईएएस बन सका. हिंदी मीडियम से सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले की रैंक थी 107.
*2014*
इस साल हिंदी मीडियम से सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले की रैंक थी 13. कुछ सफल छात्रों के बीच हिंदी मीडियम वालों की तादाद 5 फीसदी से कम थी.
*2015*
इस साल हिंदी मीडियम से सबसे ऊंची रैंक रही 61, इसके बाद 99. मतलब टॉप 100 में हिंदी मीडियम से सिर्फ 2 कैंडिडेट.
*2016*
इस साल टॉप 50 में हिंदी माध्यम से 3 कैंडिडेट मेरिट लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहे.
*2017*
हिंदी माध्यम से सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले की रैंकिंग 146. कुल चयन 50 से कम.
CSAT के सवालों का गूगल ट्रांसलेटर से हिंदी अनुवाद-ऐसे अनुवाद ज्यादातर गूगल ट्रांसलेटर जैसे टूल से मशीनी तरीके से किए जाते हैं. ऐसे सवाल भले ही हिंदी में हों, लेकिन इनका मतलब निकालना किसी मेधावी छात्र के लिए भी टेढ़ी खीर होता है.जाहिर तौर पर, जब सवाल ही साफ नहीं होगा, तो जवाब किस तरह लिखा जा सकेगा.
मुख्य परीक्षा की कॉपियां जांचने के लिए पैनल में जिन लोगों को शामिल किया जाता है, प्राय: उनकी भाषा अंग्रेजी होती है. ऐसे लोग हिंदी में उतने ही सहज हों, ये कोई जरूरी नहीं है. इससे अंक में बड़ा फर्क आ जाता है.’
एक तथ्य यह भी है कि इंटरव्यू बोर्ड के कई सदस्यों की भाषा हिंदी नहीं होती. ऐसे में कैंडिडेट की बात समझने के लिए बोर्ड के सदस्य दुभाषिए का सहारा लेते हैं. अगर दुभाषिए ने बातों के मतलब में कोई गलती कर दी, तो बड़ा फर्क पैदा हो जाता है."हिंदी मीडियम के कैंडिडेट को स्तरीय अध्ययन सामग्री की कमी से जूझना पड़ता है. *हिंदी में जो किताब और नोट्स उपलब्ध हैं, वे प्राय: यूपीएससी के सिलेबस की डिमांड पूरी नहीं करते हैं.’’
लिखने की स्पीड और अभ्यास से जुड़ी समस्या- ये मानी हुई बात है कि लिपि की वजह से अंग्रेजी की तुलना में हिंदी में लिखने में ज्यादा वक्त लगता है.अंग्रेजी में अगर 1 मिनट में 25 शब्द लिखे जा सकते हैं, तो हिंदी में इतने ही शब्द लिखने के लिए करीब 1 मिनट 30 सेकेंड चाहिए.